जज मौत मामलाः सूचना देने वाले को अब दोगुना इनाम, सीबीआई देगी 10 लाख, फोन नंबर भी जारी

देश
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
एडीजे उत्तम आनंद की मौत की सच्चाई सामने लाने में जुटी सीबीआई ने बुधवार को इनाम की रकम को दोगुना कर दिया। इस मामले में 15 अगस्त को सीबीआई ने सूचना देने वाले को पांच लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की थी। सीबीआई ने बुधवार की सुबह शहर के चौक-चौराहों पर इश्तेहार लगाकर जज की कथित हत्या का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है। सीबीआई के प्रभारी एसपी सह कांड के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला ने इश्तेहार जारी कर सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखने की बात कही है। सिंफर के सत्कार गेस्ट हाउस में शरीरिक रूप से उपस्थित होकर या पोस्टर में दिए नंबर पर फोन कर जानकारी दी जा सकती है।
इन नंबरों पर फोन कर दें जानकारी
मोबाइल नंबर: 7827728856, सीबीआई क्राइम ब्रांच-1: 011- 24368640, 011-24368641
ऑटो व मोबाइल चोरी में सीबीआई ने दर्ज की दो एफआईआर
जिला व सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत की जांच कर रही दिल्ली सीबीआई की क्राइम ब्रांच-एक ने मामले से जुड़ी दो नई प्राथमिकी दर्ज की है। एडीजे को टक्कर मारनेवाले ऑटो की चोरी और टक्कर मारने से पूर्व हिल कॉलोनी आउट हाउस से रेल ठेकेदार के स्टॉफ की मोबाइल चोरी के मामले में सीबीआई ने अलग-अलग दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। ऑटो चोरी मामले में 29 जुलाई को ऑटो मालकिन पाथरडीह भौरी खटाल निवासी सुगनी देवी ने पाथरडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जबकि सीबीआई की सक्रियता के बाद घटना के 15 दिन बाद रेल ठेकेदार के स्टॉफ पुर्णेंदु विश्वकर्मा ने धनबाद थाने में तीन मोबाइल चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी।
दोनों मामलों को टेकअप करते हुए सीबीआई ने फिर से नई एफआईआर दर्ज की है। अब दोनों मामलों का अनुसंधान भी सीबीआई ही करेगी। सुगनी लोहारिन ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जबकि 13 अगस्त को पुर्णेंदु ने धनबाद थाने में ऑटो चालक लखन वर्मा के सहयोगी राहुल वर्मा को मोबाइल चोरी में नामजद आरोपी बनाया था। राहुल ने सीबीआई के समक्ष पूछताछ में स्वीकार किया था कि जज को टक्कर मारने से पूर्व रात में उसने तीनों मोबाइल आउट हाउस से चुराए थे। सीबीआई ने राहुल के पास से तीनों मोबाइल जब्त किए हैं। ऑटो चोरी की एफआईआर में देरी के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी उमेश मांझी, मोबाइल चोरी की प्राथमिकी में लापरवाही के लिए धनबाद थाने के साक्षर पुलिस विजय यादव को एसएसपी ने सस्पेंड किया था।
आधुनिक जांच के बाद भी सीबीआई के हाथ खाली
सीबीआई दिल्ली की टीम पांच अगस्त से ही लगातार मामले की जांच में जुटी है। गवाहों से पूछताछ, मोबाइल नंबरों की सीडीआर जांचने के साथ सीबीआई गांधीनगर एफएसएल में ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग, नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ, लाई डिटेक्टर सहित कई टेस्ट भी करवा चुकी है। इसके बाद भी इनाम की रकम को दोगुना कर सीबीआई ने बता दिया कि अबतक सीबीआई यह पता नहीं लगा पाई है कि लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने साजिश के तहत इरादतन एडीजे को टक्कर मारी थी।