कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, क्यूल नदी घाट पर जुटे लाखों लोग

जमुई
जनादेश न्यूज़ जमुई 
बरहट (धीरज कुमार सिंह) गुरू‌र्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु: गुरूर्देवो महेश्वर गुरू:साक्षात परं ब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नम: के मंत्रोच्चार कर गुरू के प्रति अपार श्रद्धा प्रकट करते हुये श्रद्धालुओंं ने मंगलवार को गुरु पूर्णिमा आस्था के साथ मनायी।गुरू पूर्णिमा पूरे प्रखंड के मंदिरों में पूजा-अर्चना कर मनायी गयी इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।सुबह से ही पूरा प्रखंड भक्तिमय हो गया था।क्यूल नदी घाट पर स्थित, जल से में स्नान कर दान करना अनंत पुण्य फलदायक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो मनुष्य श्रद्धा व भक्ति के साथ तीर्थों मैं स्नान कर अंत्र व वस्त्र आदि दान करता है वह सभी पापों से मुक्त होकर
परब्रह्म परमात्मा को प्राप्त होता है। वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार घर में गरम जल की अपेक्षा ठंडे जल से स्नान करने से दस गुणा पुण्य होता है। बाहरी कुएं का जल, पोखर या तालाब का जल, झरना व नदी में इस दिन स्नान करना पुण्य फलदायक है। वहीं नदियों से दस गुणा तीर्थ स्थान, तीर्थ से दस गुना पुण्य वहां होता है, जहां दो नदियों का संगम हो और कहीं तीन नदियों का संगम हो तब तो पुण्य की कोई सीमा ही नहीं है, वह क्यूल नदी में स्थित
बाबा पत्नेश्वर धाम मंदिर में भक्तों ने मां जगदम्बा की पूजा-अर्चना कर भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया।
गुरू पूर्णिमा पर प्रखंड के विभिन्न नदी घाटों पर अहले सुबह ही लोगों ने स्नान कर मंदिर में पूजा की।बाबा पत्नेश्वर नाथ स्नान के बाद भक्तों ने शिवालय मंदिर मलयपुर,पाड़ो शिवमंदिर,टेंगहारा शिव मंदिर,डाढ़ा,लखैय,नूमंर के लोगों ने मंदिरों में गुरू पुर्णिमा पर पूजा-अर्चना भी की।