कर्तव्यनिष्ठता से अपंग नालंदा के इस मुखिया को पंचायती राज विभाग ने हटाया, निगरानी ने घूस लेते हुए किया था गिरफ्तार, घपला-घोटाला समेत और भी हैं कई आरोप

नालंदा राजगीर
जनादेश न्यूज़ नालंदा
बिहारशरीफ (राजीव रंजन) : पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने राजगीर प्रखंड के पथरौरा पंचायत के मुखिया अनुज कुमार को कर्तव्य की निर्वहण में दुराचार बरतने एवं पदीय शक्ति का दुरुपयोग करने के आरोप में शेष कार्यावधि तक के लिए हटा दिया है।
इसके साथ हीं उन्होंने नालंदा डीएम को निदेशित किया है कि वे मुखिया के वर्तमान एवं पूर्व कार्यकाल में की गयी सभी योजनाओं की जांच निरूपित मानक संचालन प्रतिक्रिया एवं बिहार पंचायत नियमावली 2014 के प्रावधानों के अधीन करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें और की गयी कार्रवाई से विभाग को भी अवगत कराये।
पंचायती राज विभाग ने अपर मुख्य सचिव के यहां पथरौरा पंचायत के मुखिया अनुज कुमार के विरुद्ध शिकायतों की सुनवाई चल रही थी। ग्राम पंचायत पथरौरा के रंजीत कुमार ने 27 अगस्त 2018 को मुखिया अनुज कुमार के विरुद्ध प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से राशि निकासी करने का आरोप लगाया था। परिवाद पत्र में यह भी उल्लेखित था कि मुखिया को 07 अगस्त 2018 को निगरानी विभाग द्वारा 50 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में कई स्मार पत्र के उपरांत 8 महीने बाद जिलाधिकारी नालंदा ने 06 मई 2019 को मुखिया अनुज कुमार के विरुद्ध कतिपय आरोपों एवं उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (5) के अधीन कार्रवाई करने की अनुशंसा की।
डीएम ने मुखिया के विरुद्ध मनरेगा योजना के तहत पांच लाख रुपये की अवैध निकासी, प्रधानमंत्री आवास योजना में 14 व्यक्तियों के नाम बदलकर दोबारा लाभ देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 17 फर्जी लाभार्थी को राशि भुगतान कर मुखिया द्वारा राशि का गबन, मनरेगा के तहत 55 चापाकल बिना गाड़े राशि की अवैध निकासी, एक हीं योजना के नाम बदल-बदल कर कभी चतुर्थ वित्त आयोग, कभी पंचम वित्त आयोग, कभी पिछड़ा क्षेत्र अनुदान तो कभी मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य दिखाया गया।
इसके अलावे निगरानी विभाग द्वारा 07 अगस्त 2018 को मुखिया को 50 हजार रुपया घूस लेते गिरफ्तार किये जाने का आरोप लगाया गया। डीएम ने यह प्रतिवेदन एसडीओ राजगीर से करायी गयी जांच के आलोक में दी। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर आरोपित मुखिया अनुज कुमार के विरुद्ध कार्रवाई की गयी।
पंचायत राज विभाग के अधिकारी ने अपने निष्कर्ष में पाया कि पथरौरा के मुखिया पर लगाया गया आरोप सही है। पूर्व के कार्य का तथा मौजूद कार्यकाल में उनपर कई गंभीर आरोप थे। इस आलोक में 17 अगस्त 2020 को मुखिया को पद से हटा दिया गया।