एक अवसर : इंसानियत को जिंदा रखने का,जब भूखे मजदूर के अपशब्द को धैर्य रखकर सुनते रहे किशनगंज एसपी कुमार आशीष और दिलाई मदद

किशनगंज
जनादेश न्यूज़ बिहार
पटना : किशनगंज के एसपी कुमार आशीष के मोबाइल पर गुरुवार की शाम एक फोन आया। कॉलर ने अपशब्द कहना शुरू किया, बिना किसी कारण और बिना किसी लाग लपेट के। लेकिन कुमार आशीष (SP किशनगंज) ने बताया कि इतना सुनने के बाद भी वो उन्हें धैर्य से सुनते रहें उन्होंने अपनी मर्यादा नहीं खोयी। कुमार आशीष ने बताया कि “मैं समझ गया था कुछ तो वजह होगी… शायद वे बहुत परेशान हैं और उनकी हालत दयनीय होगी” उन्होंने बड़े ही विनम्र शब्दों में उनसे पूछा. उनके समस्या के बारे में पूछा तो पता चला कि कि वे लोग कुल आठ मजदूर हैं और बिहार के नवादा जिले से हैं, जो बिना पैसे के भोजन के अभाव में पिछले तीन दिनों गुजरात के सूरत में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए है। जीवन से निराश हो चुके हैं। फोन करने वाले ने बताया कि सोचा एसपी को गाली देंगे तो शायद जेल ही भिजवा दें, जहां जिंदा रहने के लिए भोजन तो मिल ही जाएगा।
एसपी ने कहा कि अच्छा लगता है। मदद करते रहना चाहिए। आप में जो भी क्षमता हो मानवता की सेवा होती रहनी चाहिए। ये मुश्किल घड़ी है, साथ ही एक अवसर है। इंसानियत को जिंदा रखने का।
कुमार आशीष ने इसके बाद तुरंत इसकी सूचना नवादा के जिलाधिकारी यशपाल मीना को दिया, यशपाल मीना जो वर्तमान में नवादा के जिलाधिकारी हैं वो नवादा आने से पूर्व किशनगंज के डीडीसी थे। नवादा के डीएम ने कुमार आशीष को आश्वासन दिया कि सबकी मदद की जाएगी,बाद में शुक्रवार को नवादा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में डीएम यशपाल मीना ने जानकारी दिया कि गुजरात में फँसें नवादा के 20 मजदूरों को मदद प्रदान की गयी है। कुमार आशीष ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिहार के निवासी विभिन्न अधिकारियों के व्हाट्सएप समूह के माध्यम से उन्होंने सूरत में एक अधिकारी प्रमोद सर से इसी मामले में उन जरूरतमंदों की मदद की गुजारिश हेतु संपर्क किया। उन्होंने फौरन वहां के अशोक केजरीवाल जी से कहा, जो झारखंड के निवासी हैं और वर्तमान में सूरत में व्यवसाय कर रहे हैं। वे उन सभी आठ मजदूरों को आवश्यक देखभाल के लिए सूरत में अपने फार्म हाउस पर ले गए। सभी को खाना, आवासन के साथ प्रत्येक को एक एक हजार रुपये भी दिए गए हैं। वे अब खुश हैं।