अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लोकल स्तर पर स्मार्ट पुलिसिंग से होगा बदलाव : राजू दानवीर

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
नालंदा/रहुई : जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने आज कहा कि बिहार में अपराध को कम करने के लिए पुलिस को अपनी नीतियों में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने लॉ एण्ड ऑर्डर को बहाल करने के लिए उच्च पदों पर आवश्यक कदम उठाए, जो सराहनीय हैं, लेकिन बिना लोकल स्तर पर स्मार्ट पुलिसिंग से अपराधियों पर लगाम लगाना मुश्किल है। दानवीर ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग से ही प्रदेश में अपराध के घटनाओं में कमी आएगी और अपराधियों के अंदर भय का माहौल होगा, जिससे वे अपराध की घटना को अंजाम देने के लिए सौ बार सोचने को मजबूर होंगे।
राजू दानवीर ने उक्त बातें आज नालंदा के रहुई स्थित जगतनन्द पुर में छात्र नेता रंजन यादव जी की बहन के विवाहोत्सव में शामिल होने के दौरान सूबे में लॉ एण्ड ऑर्डर की स्थिति पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों पर लगाम लगाने के कोशिश कर रही है, लेकिन फिर भी अपराधियों का मंसूबा सातवें आसमान पर है। ऐसे में मेरा मानना है कि लोकल स्तर पर पुलिसिंग की समीक्षा हों और एक बेहतर रणनीति के साथ कानून व्यवस्था को बहाल करने की पहल हो, तभी अपराधियों पर काबू पाया जा सकेगा। दानवीर ने प्रदेश में घट रह कई घटनाओं में दरोगा व अन्य कुछेक पुलिस कर्मियों द्वारा अपराधियों को सहयोग करने का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस को अगर जनता का विश्वास जितना है, तो ऐसी गतिविधियों से बचना होगा।
दानवीर ने ये भी कहा कि पुलिस समाज का ही एक अंग है, इसलिए आम लोगों के बीच सामंजस्य बैठा कर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है। कई जगहों से पुलिस को जनता का आक्रोश झेलना पड़ा, जो कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन का जनता के बीच खो रहे विश्वास का परिचायक है। यह जनता से पुलिस को दूर ले जाने वाला है। इससे बच कर स्मार्ट पुलिसिंग के जरिए प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की पहल समय की मांग है। दानवीर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सत्ता में बैठी पार्टियों को रैली की क्या जरूरत हैं। उन्हें तो अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी करनी चाहिए। केंद्र सरकार को रैली की क्या जरूरत? अगर उन्होंने काम किया होता तो आज नाकामियों को छुपाने के लिए इन रैलियों की जरूरत नहीं पड़ती।