अनवस्सा के प्रदेश अध्यक्ष ने पेंशन के लिए सांसद को सौंपा ज्ञापन

पटना
जनादेश न्यूज़ पटना
कृष्णा कुमार चंचल की रिपोर्ट
जवाहर नवोदय विद्यालय समस्तीपुर एवं राज्य अनवस्सा इकाई की ओर से स्थानीय सांसद प्रिंस राज को पुरानी पेंशन के लिए एक ज्ञापन रविवार को सौंपा गया।
उक्त जानकारी देते हुए समस्तीपुर जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक सह अनवस्सा की राज्य इकाई के महासचिव डॉ सुबोध कुमार यादव तथा जवाहर नवोदय विद्यालय नवादा के अंग्रेजी शिक्षक सह अनवस्सा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार साह ने बताया की जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना 1985 -86 में ही हुई तब से आज तक बहुत समय से पेंशन की मांग नवोदय के कर्मचारी करते आए हैं। नवोदय विद्यालय की बेहतर कार्य प्रणाली को देखते हुए उनकी यह मांग नितांत जायज भी है इसी मांग को पूरा करने हेतु आज अनवस्सा समस्तीपुर इकाई के कर्मचारियों ने समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज को ज्ञापन सौंपते हुए विस्तृत जानकारी दी। इस बाबत सांसद ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांग को वह आगे संबंधित विभाग तक सकारात्मक निर्णय हेतु प्रेषित करेंगे। अध्यक्ष ने विस्तृत जानकारी देते हुए ज्ञापन में कहा कि 1 जनवरी 2004 के पहले केंद्रीय सेवा में शामिल होने वालों के लिए हाल ही में कई संस्थानों को सीसीएस पेंशन की मंजूरी दे दी गई है। जबकि नवोदय विद्यालय समिति के कर्मचारियों की पेंसन मांग संचिका को इस कारण लंबित रखा गया कि नवोदय कर्मी इसके योग्य नहीं है। सरकार के अनुसार सीसीएस पेंशन की कट ऑफ डेट 1 जनवरी 1986 के बाद हुआ एवं गैर आय सृजन संस्था है जो पेंशन के लिए योग्य नहीं है। जबकि 5 अगस्त 1985 को कैबिनेट की मंजूरी एनसीईआरटी के तहत मॉडल स्कूलों को खोलने एवं 28 अक्टूबर 1985 को आवश्यक फण्ड संचालन हेतु जारी किया गया था जो अब जेएनवी अमरावती,महाराष्ट्र एवं जेएनवी झज्जर, हरियाणा के रूप में संचालित है । इसी वर्ष इन विद्यालयों में कर्मचारियों की पहली नियुक्ति भी हुई थी । इनका विधिवत पंजीकरण 28 फरवरी 1986 को एनवीएस के रूप में किया गया था । इसीलिए 1 जनवरी 1986 से पहले एनवीएस और उसके कर्मचारी विद्यमान थे। 1 जनवरी 1986 की कट ऑफ डेट के बाद अस्तित्व में आए शिक्षा मंत्रालय के तहत सभी स्वायत्त निकायों को एनबीएस कर्मचारियों को छोड़कर सीसीएस पेंशन की सुविधा प्राप्त है । इसलिए हम कट ऑफ डेट को कम करने के लिए शिक्षा व वित्त मंत्रालय को पत्र लिखने के लिए याचिकाओं की समिति को हमारे वास्तविक मामले की सिफारिश करने के लिए हम अपील करते हैं । कुछ दिनों की बहुत ही नगण्य अवधि है जो एन वीएस के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा छीन लेती है। वंचित वर्गों के ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सरकार की नीति रही है । इसलिए माता-पिता से किसी प्रकार की फीस लेने की कोई गुंजाइश नहीं है । फीस लेने का निर्णय सरकार की है, कर्मचारियों की नहीं । इसमें कर्मचारियों की कोई गलती कहीं से नहीं है । इसीलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले को व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय को इस तकनीकी गड़बड़ी को नजरअंदाज करने और गैर आय सृजन संस्था के मुद्दे को अनदेखा करने और हजारों कर्मचारियों को बचाने के लिए उन्हें अपना खून पसीना बहाया है, ग्रामीण वंचित वर्ग और देश के दूरस्थ कोनों में ईमानदारी से सेवा कर रहे हैं को सीसीएस पेंशन की सुविधा दी जाए ताकि इनका भी सेवानिवृत्त जीवन सामान्य तरीके से गुजरे और गंभीर वित्तीय पीड़ाओं से बच सकें ।
शिष्टमंडल में विद्यालय के शिक्षक डॉ सुबोध कुमार यादव,डॉ श्याम प्रसाद,सुदेश्वर सिंह,बालेंदु प्रसाद एवं कार्यालय अधीक्षक अविनाश सिन्हा शामिल थे ।