पटना (राजीव रंजन) : बिहार की राजनीति अब दलगत राजनीति से जातिगत राजनीति की ओर बढ़ रही है आपको बताते चलें कि जो गांधी मैदान कई ऐतिहासिक रैलियों का गवाह रहा है और इसी मैदान से कई राजनेताओं के भविष्य तय हुए हैं. गांधी मैदान से कई राजनीतिक पार्टियों की रैली की गई और कई जातिगत रैलियां भी की गई लेकिन भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के बैनर तले जो गांधी मैदान में रैली आयोजित की गई वह रैली तो एक नुक्कड़ नाटक सभा के बराबर थी.जाति की ठेकेदारी करने वाले कैसे अपनी ही जाति की फजीहत कराते हैं, पटना में आज इसका नजारा देखने को मिला. पटना के गांधी मैदान में आज एक संगठन में भूमिहारों की महारैली आयोजित की थी. इस रैली में नुक्कड़ सभा जैसी भीड़ भी नहीं जुटी. भला इस रैली का नाम तो महारैली दिया गया लेकिन यह रैली में भीड़ हकीकत तो कुछ और ही बयां करता है दूसरों को उखाड़ फेंकने वाले खुद अपनी हकीकत को बयां कर दिया. भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन नाम के इस संगठन ने दावा किया था कि उसकी महारैली में गांधी मैदान का चप्पा-चप्पा भर जायेगा. लेकिन हाल ये हुआ कि गांधी मैदान में ऐसी फ्लॉप रैली शायद ही पहले कभी हुई थी. हालांकि रैली के आयोजकों पर पहले से ही बेहद गंभीर आरोप लग रहे थे जिस संगठन ने ये रैली बुलायी थी उसके अध्यक्ष पर कई आपराधिक मामले दर्ज होने का आरोप लगाया जा रहा था. बड़े पैमाने पर चंदा वसूली के भी आरोप लग रहे थे. इन सबके बीच ये भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन ये दावा कर रहा था कि उसकी रैली में देश-विदेश के भूमिहार जुटेंगे और दुनिया को अपनी ताकत दिखा देंगे. लेकिन हुआ क्या ये आप देख रहे हैं.