जनादेश न्यूज़ जमुई गिद्धौर (अजित कुमार यादव):राज्य सरकार का समाज कल्याण विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विकास परियोजना विभाग के द्वारा जिले के संबंधित क्षेत्रों में गर्भवती, कुपोषित, अति कुपोषित, धात्री माताओं को पोषण के कई बिन्दुओ से जोड़कर उनके जीवन स्तर को स्वस्थ व बेहतर बनाने की कवायद कर रही है। तो इससे इतर विभाग के पदाधिकारी शिथिलता दिखाने लगे तो सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग जाय। कुछ इस तरह की ही कार्यशैली वर्तमान समय मे गिद्धौर के बाल विकास परियोजना कार्यालय की आइसीडीएस के प्राथमिकता के साथ कार्यो के संचालन को लेकर नहीं दिख रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को बंद पड़े आइसीडीएस कर्यालय को देखकर साफ लगाया जा सकता है। बताते चलें कि बाल विकास परियोजना कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मियों के लेट से आना व जल्दी चले जाना आदत बन गईं है। आलम यह है कि क्षेत्र में विभाग के इस तरह की कार्यशैली के कारण संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खासा असर पड़ रहा है। बताते चले कि स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर जब सीडीपीओ कार्यालय की पड़ताल जब बुधवार को की गई तो 11 बजे तक ऑफिस में ताला लटका पाया गया। स्थिति यह है कि सरकार का यह आइसीडीएस विभाग के पदाधिकारी व कर्मी ही विभागीय कार्यो के प्रति उदासीन बने है तो क्षेत्र में समाज कल्याण के संबद्ध बाल विकास परियोजना के द्वारा संबंधित क्षेत्रों के पोषक क्षेत्र के लाभुकों को इसका अक्षरशः लाभ इस विभाग आम जनो को कैसे मिल पायेगा। यह एक बड़ा सवाल है।
कहते है प्रखंड विकास पदाधिकारी उक्त मामले को लेकर जब बीडीओ गोपाल कृष्णन से पूछे जाने पे उन्होंने बताया दो जगह पर प्रभार रहने के कारण ऑफिस लेट से खोली जाती है ।