सांप और बिच्छू से बचने के लिए लगाएं सर्प गंधा का पौधा

नवादा

जनादेश न्यूज़ नेटवर्क

रजौली (नवादा) प्रखंड क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया है।इस दौरान कई जगहों पर सांप और बिच्छू निकलने लगे हैं।हर तरफ सांप और बिच्छू दिखाई पड़ रहे है।सांप-बिच्छू दिखाई पड़ने के कारण लोगों में भय का माहौल है। आइए जानते है कि अगर आपके घर या आसपास में सांप-बिच्छू बार-बार दिखाई पड़ रहे है तो इन्हें कैसे रोका जा सकता है।

सर्पगंधा के पौधे से दूर भागते सांप और बिच्छू

औषधियों में सर्पगन्धा एक प्रमुख औषधि है।इसका प्रयोग कई वर्षों से पुराना है।सर्पगंधा अनूठी प्राकृतिक औषधि है।इस पौधे का विषद वर्णन मिलता है।महर्षि चरक ने सर्पगंधा का जिक्र सर्पदंश तथा कीटदंश के उपचार के लाभप्रद विषनाशक औषधि के रूप में किया है।इस पौधे से जुड़ी अनेक कथाएं भी है।सांप काटने पर इस पौधे को दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।बिच्छू काटने के स्थान पर इस पौधे को लगाने से राहत मिलती है।सर्पगंधा का वैज्ञानिक नाम सवोल्फिया सर्पेतिना है।इस पौधे में अदभुत शक्ति होती है। इसकी गंध इतनी अजब होती है कि सांप-बिच्छू इसे सूंघते ही दूर से भाग जाते हैं।इस पौधे के आसपास सांप-बिच्छू भटकते भी नहीं है।

सांपों से बचने के लिए जरूर करें ये काम

सर्पगंधा का पौधा काफी छोटा होता है।इस पौधे में सिंदूरी कलर के पुष्प आते हैं।सर्पगंधा का पौधा आसानी से गमले में लगाया जा सकता है।जहरीले जीव-जंतु सर्पगंधा की गंध से दूर भागते हैं।जिस घर में या आसपास सर्पगंधा का पौधा लगा हो, वहां विषैले जीव-जंतु पहुंचते नहीं है. सर्पगंधा का पौधा विषैले जीवों का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। इसके प्रभाव से सांप-बिच्छू आदि भी दूर भाग जाते हैं।जहरीले जंतुओं के काटने पर भी इस पौधे के पत्तों व जड़ों को औषधीय प्रयोग में लाया जाता है सर्पगंधा से कई अन्य दवाएं भी बनती हैं।यह पौधा बेहद दुर्लभ है।