रजौली (नवादा) प्रखंड क्षेत्र के सुदूरव्रती पहाड़ी जंगली क्षेत्र सवैयाटांड़ पंचायत के मुखिया नारायण सिंह ने विद्यालय में जाकर विद्यालय में पठन-पाठन,मध्याह्न भोजन व बच्चों की संख्या को लेकर निरीक्षण किया व विद्यालय में होने वाले कमी के बारे में प्रधानध्यापिकों से पूछताछ किया।वहीं बसरौन विद्यालय के प्रधानाध्यापिका सविता कुमारी ने बताई की जंगली क्षेत्र होने के कारण कुछ बच्चे मध्यान भोजन खाने के बाद अपने-अपने घरों को चले जाते हैं।जो ढिबरा चुनने का काम करते हैं।वहीं जो बच्चा शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं।उन्हें विद्यालय में बढ़िया से शिक्षा दिया जाता है।एवं बच्चों के परिजनों को भी प्रेरित किया जाता है कि अपने-अपने बच्चों को नियत समय पर स्कूल भेजें अब सरकार सभी प्रकार की सुविधा बच्चों को दे रही है।साथ में खाने के रूप में मध्यान भोजन भी मिल रहा है।जिससे सुदूरव्रती जंगली क्षेत्र के बच्चों को पढ़ने में आसानी हो इस संबंध में मुखिया नारायण सिंह ने कहा कि हम जंगली क्षेत्र के झलकडीहा,बाराटांड,सिमरातरी , चटकरी व बसरौन विद्यालय का बराबर निरीक्षण करते हैं जहां पर किसी प्रकार का कोई कमी होने पर संबंधित विभाग को बताया जाता है। उसके बाद विद्यालयों में विधि व्यवस्था अच्छा रखने के लिए शिक्षकों के साथ में बैठक भी किया जाता है जिससे शिक्षकों अपनी विद्यालय के समस्या को रखें और मुखिया के द्वारा उन समस्या को संबंधित पदाधिकारी के बीच रखा जाए।जिससे विद्यालय का संचालन ठीक से हो और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिले।वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जब से मुखिया नारायण सिंह बने हैं।तब से विद्यालय व अन्य सामाजिक कार्य पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है।जिससे जंगली क्षेत्र धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है।मौके पर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के परिजन व रसोईया उपस्थित थे।