अरियरी : प्रखंड के लक्ष्मीपुर गाँव में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन श्री कृष्ण का माता रुकमणी के साथ गंधर्व विवाह हुआ। भगवान को छप्पनभोग लगा एवं श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता का झाँकी प्रस्तुत किया गया ।जिसमें गोपियाँ ने भी अपना रंग विखेरा जो दर्शकों को बहुत भाया। कथा के दौरान प्रवक्ता पं० आचार्य जनार्दन झा शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सोलह कलाओं से संपन्न एवं द्वारिका का नरेश होने के बाबजूद द्वारिका आगमन पर अपने बचपन का मित्र भिखारी सुदामा का चरण धोया, अपने श्रीमुख़ से उनके पैरों में चुभे काँटे को निकाला और उनकी दीन हीनता दूर कर दिया। भगवान श्री कृष्ण और सुदामा का मित्रता से हमें सीखाता है कि सच्चे प्रेम में ऊँच-नीच, गरीबी-अमीरी का दीवार नहीं होता है।कार्यक्रम के दौरान श्री प्रयाग चौहान, डॉ. परशुराम कुमार (संचालक- महायोग वैधाश्रम), विद्यानन्द चौहान , अशोक चौहान, ई. मिथिलेश प्रसाद, सहायक प्राध्यापक मुकेश कुमार, प्रकाश चौहान, श्री मुनेश्वर चौहान, रामावतार चौहान, श्री रामदेव चौहान, द्वारिक चौहान, रामेश्वर चौहान, रामप्रीत, धनंजय, मनोज, संजीत एवं अन्य लोग उपस्थित थे।