वैश्विक संकट से निपटने के लिए बिहार सरकार की कागजी तैयारियों को देख काफी आहत हुए शिवहर जिला एवं सत्र न्यायधीश,गृह विभाग को लिखा पत्र

शिवहर
जनादेश न्यूज़ बिहार
शिवहर : पूरे विश्व में वैश्विक महामारी से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है खासकर भारत भी इससे अछूता नहीं है भारत के लगभग सभी राज्य इस वैश्विक महामारी के चपेट में है. राज्य सरकार अपनी ओर से महामारी से निपटने के लिए पूरी तैयारी का फूटा ढोल बजा रही है. यह मामला प्रकाश में तब आया जब बिहार सरकार की सारी तैयारियों को देखकर शिवहर जिला एवं सत्र न्यायधीश सह
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार काफी आहत दिखे.
और निरीक्षण उपरांत उन्होंने बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर सारी तैयारियां से अवगत करा दी और इस पर विशेष ध्यान आकृष्ट करने की बात कही है.
आइए देखते हैं आखिर क्या कुछ पत्र में लिखा गया है.
उपरोक्त विषय से अवगत कराना है कि आपदा प्रभारी श्री
अशोक कुमार दास से टेलिफोनिक वार्ता के अनुसार जिले में केवल एक सामुदायिक किचन चल रहा है की सूचना पर मेरे द्वारा 01:50 PM को न्यायालय प्रबंधक के साथ निरीक्षण किया गया.
जिसपर प्रभारी दण्डाधिकारी श्री मनोरंजन कुमार की देखरेख में
बालिका उच्च विद्यालय, शिवहर में संचालन होता पाया गया.
उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया कि यहाँ पर 4-5 कोरोना संदिग्ध
व्यक्ति रहते हैं एवं किचेन की व्यवस्था यहाँ नहीं की गई है, बल्कि उन्हें होटल से खाना मंगवाकर खिलाया जाता है.उसी होटल से बने भोजन को इंजीनियरिंग कॉलेज के 17-18 छात्रों का भोजन भी पैकिंग करके भेजा जाता है. मौके पर पदस्थापित दण्डाधिकारी के पास
एक रजिस्टर पाया गया जिसपर रोजाना खाना खाने वालों का नाम
दर्ज था तथा खाने वाले लोगों का दस्तखत भी पाया गया है.
दण्डाधिकारी से पुछे जाने पर कि किचेन कहाँ है तो बताया गया कि
होटल से खाना मंगाया जाता है. यह भी बताया गया कि सामुदायिक किचेन से दिव्यांग, वृद्ध एवं अनाथों की भोजन की यहाँ कोई व्यवस्था नहीं है.मौके पर प्रभारी जिला आपदा पदाधिकारी श्री अशोक कुमार
दास एवं ए०एस०डी०एम० श्री विनित कुमार आ गये. आपदा
प्रभारी द्वारा स्पष्ट किया गया कि न तो ऐसा व्यवस्था शुरू से है और न ही वर्तमान में इस तरह की व्यवस्था का निदेश दिया गया है.
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जाँच करने को डॉक्टर भी
नही आते हैं.सीधे पैकेट गुड लाभुकों को भेजवा दिया जाता है.
इस तरह से सामुदायिक किचेन चलाना स्वास्थ विभाग एवं
सरकारी आदेश/निर्देश के विरुद्ध है. रोजाना दो समय का खाना एवं नास्ता होटल से मंगाया जाना आपत्तिजनक है. पके भोजन का पैकिंग डॉक्टर से जांच भी न कराया जाना खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता एवं भोजन याने योग्य है या नहीं. इसपर डाक्टर का मंतव्य न प्राप्त करना घोर लापरवाही को दर्शाता है.जो किसी क्षण फूड
प्वाइजनिंग एवं अन्य संक्रमण का कारण बन सकता है मौके पर.
इसी बालिका विद्यालय में क्वॉरेंटाइन सेंटर है जिसमें सामुदायिक किचन की घोषणा करना तथा इसके नाम पर होटल का बना खाना मंगवाना कथनी एवं करनी में अंतर है यह प्रशासनिक पारदर्शिता का हनन है.कोरोना पोजीटिव पाये जाने वाले मरीज जिसे डायट के
पास एक स्कूल में रखा गया है. आपदा प्रभारी के साथ निरीक्षण
किया एवं मौके पर अंचलाधिकारी शिवहर आईसोलेशन सेन्टर पर
मजिस्ट्रेट प्रतिनियुक्ति पर मिले जो बिना किसी सुरक्षा कवच, विना मास्क एवं बिना दस्ताना (हैंड ग्लव्स) के थे. इसी प्रकार आईसोलेशन सेन्टर से दो डॉक्टर निकले जिसमें एक डा. रिजवान राशीद बिना किसी पी०पी०ई० किट के. केवल मास्क पहने बाहर निकले. डॉक्टर सहीत सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुलिस एवं प्रशासनिक कर्मियों को भी
कोरोना पोजीटिव सेन्टर पर बिना किसी सुरक्षा कवच के साथ ड्यूटी लेना घोर प्रशासनिक लापरवाही का घोतक है. ईलाज में लगे डॉक्टर एवं सुरक्षाकर्मी को विना उचित सुरक्षा कवच दिये ड्यूटी लेना कोरोना संकमण को बढ़ायेगा न की संकमण पर नियंत्रण होगा.पी०पी०ई० किट के बारे में डॉक्टर से पूछे जाने पर डॉक्टर द्वारा बताया गया कि किट की कमी है एवं आज ही वरीय अधिकारियों से इसे उपलब्ध कराने को कहा गया है.
इस विश्वव्यापी महामारी में लॉकडॉन होने के बाद जो
23.03.2020 से अब तक चल रहा है, ऐसे में दैनिक मजदुरों के
परिवार,अनाथ एवं घर में पड़े वृद्ध एवं दिव्यांगों को भोजन की
व्यवस्था हेतु सामुदायिक किचेन का न चलाये जाना जिला प्रशासन की शिथिलता को दर्शाता है. डॉक्टर एवं कोरोना योद्वाओं को भी N-95 मास्क का उपलब्ध न कराना भी घोर प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता
है. सामुदायिक किचन की झूठी घोषणा करना सरकार एवं कोरोना संकमित लोगों के साथ छल है. जबकि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इसपर लगातार निर्देश/आदेश दिया जा रहा है.
महोदय, माननीय उच्च न्यायालय पटना के आदेश संख्या
-CWIC.No.-5609/2020 दिनांक-22.04.2020 एवं 23.04.2020 पर तथा राज्य सरकार के मंशा के अनुरूप ऐसे असहाय व्यक्तियों के हेतु यथोचित प्रबंध करते हुए इस महामारी से निपटने का सार्थक
प्रयास आवश्यक है.साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मलिन बस्तियों में कोरोना के रोकथाम एवं बचाव हेतु समुचित ,हैंड ग्लव्स,मास्क,डिटॉल साबुन, जमैक्सीन पाउडर एवं सेनेटाईजर की पर्याप्त व्यवस्था हेतु सरकार के संज्ञान में लाते हुए रोकथाम का व्यापक प्रयास किया
जाय तथा अनाथ, वृद्ध, दिव्यांगों हेतु सामुदायिक किचेन शुरू कराने का सार्थक प्रयास किया जाय.
विश्वासभाजन
जिला एवं सत्र न्यायधीश सह
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार,शिवहर।
पत्र लिखा गया है जिसकी एक प्रतिलिपि बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेजी गई है तथा एक प्रतिलिपि शिवहर के जिला दंडाधिकारी को भेजी गई है. वैश्विक संकट के दौर में शिवहर जिला जज सह
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार के निरीक्षण के बाद बखूबी जो सामने आया राज्य सरकार की सारी तैयारियों की पोल खोल रही है.