मानसून के रूठने से धान की खेती पर आया संकट 

नवादा

जनादेश न्यूज़ नेटवर्क

रजौली (नवादा) प्रखंड क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से मानसून रूठा हुआ है।जिसके कारण अच्छी बारिश नहीं होने के कारण उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है।बारिश नहीं होने के कारण अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।रविवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री रिकार्ड किया गया और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा है। वहीं न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं आया है।बारिश नहीं होने से उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं।वहीं बारिश को लेकर जितने भी दावे मौसम विभाग के द्वारा किए जा रहे हैं।वह फेल साबित हो रहा है।समय पर मानसून नहीं आने के बावजूद जुलाई माह में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण की किसान परेशान दिखे हैं। किसान आसमान की ओर देख रहे हैं,लेकिन समय से वर्षा नहीं हो रही है। एक बार फिर मानसून के समय में लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। आसमान में बदला जरूर छाए रहते हैं,लेकिन बारिश होने का कारक एक्टिव ही नहीं हो पा रहा है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि जुलाई में शायद ही अब अच्छी बारिश होगी ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भी मानसून की यही स्थितिथी। हालांकि अगले सप्ताह में बारिश होने की संभावना लगाई गई है।मानसून कमजोर रहने के कारण अच्छी वर्षा होने की फिलहाल संभावना नहीं है।

बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे मुरझाये

वर्तमान समय में किसानों के लिए बारिश का होना अत्यंत जरूरी है।पर बारिश नहीं हो रही है।पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अभी तक बारिश नहीं हुई है।जिससे किसानों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी कर दिया है।वर्तमान समय में किसान खरीफ फसल के तहत खासकर धान की रोपनी करते है।जिसमें अत्यधिक सिंचाई की जरूरत पड़ती है।अधिकांश किसान बारिश पर निर्भर रहते है।डीजल की कीमत बढ़ने की वजह से किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गयी है।किसान विनय सिंह,सुरेश यादव,अशोक साव,पवन पंडित,महेश आदर्शी सहित कई किसानों ने बात-चीत में कहा कि बारिश नहीं होने से किसानों की रोपनी प्रभावित हो रही है।जबकि यही समय है कि किसान धान की रोपनी करें।अगर समय पर धान की रोपनी नहीं होती है तो फसल का उत्पादन प्रभावित होता है।साथ ही कई तरह की समस्याएं भी झेलनी पड़ती है।डीजल की कीमत अधिक रहने की वजह से सिंचाई नहीं कर पाते है।

बारिश नहीं होने से धान का बिचड़ा प्रभावित

किसान पवन पंडित,अमित पंडित,प्रेम कुमार मंगलम,शर्मा पंडित,अशोक साव,सुरेश यादव ने बताया कि पिछले वर्ष इस मौसम में बारिश हुई थी।जिससे किसान धान रोपनी समय पर शुरू कर दिया था।लेकिन अब तक किसानों ने धान रोपनी शुरू नहीं किया है।बिचड़ा भी इस उमस वाली गर्मी व धूप में प्रभावित हो रही है।किसानों ने बताया कि किसी तरह बिचड़ा गिरा दिये है,लेकिन अब जब बारिश होगी।तब धान रोपनी शुरु करेंगे।कई किसानों ने यह भी कहा कि बारिश के अभाव में वे लोग बिचड़ा भी नहीं गिरा पाये है।हालांकि जिन किसानों ने बिचड़ा गिराया है या जिनका बिचड़ा तैयार है।उन किसानों का बिचड़ा भी इस भीषण गर्मी व धूप से बिचड़ा खराब हो रहा है।