मद्य निषेध (संशोधित) अधिनियम-2022 के तहत अवैध शराब के सेवन, परिवहन एवं बिक्री से संबंधित मामलों में दी गई राहत,लोक अदालत के माध्यम से भी कांडों का होगा निष्पादन
न्यायालयों में मद्य निषेध से संबंधित मामलों की अधिकता के बोझ को कम करने के उद्देश्य से मद्य निषेध संशोधित अधिनियम 2022 के तहत शराब बरामदगी के आरोप में जप्त वाहन व सील किए गए मकानों को निर्धारित जुर्माने की राशि वसूली के आधार पर मुक्त किया जा सकेगा।
वाहन स्वामी जप्त वाहन के अद्यतन बीमाकृत मूल्य का 50 फ़ीसदी राशि जमा कर वाहन मुक्त करा पाएंगे। वहीं शराब कांड में जप्त मकान/परिसर के स्वामी भी न्यूनतम एक लाख रुपए का जुर्माना राशि जमा कर अपने मकान को सील मुक्त करा सकेंगे।
शराब कांड में जप्त ऐसे वाहन एवं मकान जिनकी नीलामी अभी तक नहीं हुई है, उसके स्वामी जुर्माने की राशि जमा कर इसे मुक्त करा सकेंगे।
जप्त वाहन/मकान के स्वामी 15 दिनों के अंदर निर्धारित जुर्माने की राशि जमा करा कर अपनी संपत्ति को मुक्त करा सकते हैं। जुर्माने की राशि जमा करने की सहमति नहीं देने पर संबंधित वाहन/मकान का अधिहरण कर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
अधीक्षक मध्य निषेध द्वारा बताया गया कि नई नियमावली के 1 अप्रैल 2022 को लागू होने के पूर्व जिला में 676 वाहन मद्य निषेध अधिनियम के तहत नीलाम किये जा चुके हैं।
1 अप्रैल तक 187 वाहन नीलामी की प्रक्रियाधीन थे, जिन्हें नए प्रावधान के तहत निर्धारित जुर्माने की राशि जमा करने के आधार पर छोड़ा जा सकेगा।
बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधित) अधिनियम 2022 के तहत शराब सेवन करने वालों को जुर्माने की राशि अदा करने पर मुक्त किया जा रहा है।
1 अप्रैल 2022 से लागू इस प्रावधान के तहत अभी तक करीब 4 दर्जन से अधिक मामलों में शराब का सेवन करने वालों को जुर्माने की राशि जमा करने के बाद छोड़ा गया।
आगामी 14 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भी शराब सेवन से संबंधित धारा 37 के मामलों को रखने का निर्णय लिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा मामलों का निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके।