👉विद्युत भवन में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं की समीक्षा की, काम में तेजी लाने की हिदायत
👉बैटरी स्टोरेज के साथ सोलर पावर प्लांट के जरिये नदी किनारे बसे इलाकों में बिजली उपलब्ध कराने की योजना पर काम करने की सलाह
पटना : विद्युत भवन के सभागार में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान बांका में बन रहे बिहार के सबसे बड़े 50 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड संजीव हंस ने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की गति में और तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अक्षय ऊर्जा को निरंतर विकसित करने की जरूरत है। जंगल, पहाड़ और नदियों के आसपास बसे गांवों में बैटरी स्टोरेज के साथ सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर विशेष रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही श्री हंस ने ऊर्जा विभाग एवं सभी विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को राज्य में अक्षय ऊर्जा प्लांट की स्थापना से संबंधित विभिन्न अनुमोदन प्रक्रिया की एक सरल मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाने का निर्देश दिया।
ज्ञात हो कि विद्युत भवन के सभागार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस की अध्यक्षता में अवाडा ग्रुप, एसजेवीएन लिमिटेड एवं बक्सर एसटीपीएल (एसजेवीएन) के साथ समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ आदित्य प्रकाश सहित विद्युत कंपनियों और ब्रेडा के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक के दौरान श्री हंस ने अवाडा ग्रुप को बांका में बिहार के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पावर प्रोजेक्ट 50 मेगावाट सोलर प्लांट के सफल कमीशनिंग के लिए बधाई दी। अवाडा ग्रुप की ओर से बांका में 50 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की गई। अपने प्रेजेंटेशन के दौरान अवाडा ग्रुप ने कुछ जगहों पर सौर ऊर्जा परियोजना के लिए प्लांट लगाने का भी सुझाव दिया। ज्ञात हो कि उक्त कंपनी द्वारा दरभंगा में भी मार्च 2022 में 1.8 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट सफलतापूर्वक कमीशन किया गया था।
संजीव हंस ने एसजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों को बांका एवं जमुई में नए सोलर प्लांट की स्थापना के लिए तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्माणाधीन एसजेवीएन बक्सर थर्मल प्लांट के अधिकारियों को भी निर्माण कार्य में तेजी लाने और कार्य की प्रगति से नियमित अवगत कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि नदी किनारे बसे इलाकों में 202 लोकेशनों पर 21 हजार परिवारों की पहचान की गई है जिन्हें ऑफ ग्रिड बिजली प्रदान की जा रही है। उनकी कुल बिजली खपत करीब 3 मेगावाट है। सोलर पावर प्लांट के जरिये इनकी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के विकल्प पर काम करने की जरूरत है। साथ ही इन्हें ऑन ग्रिड बिजली सेवा मुहैया करानी है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य में अक्षय ऊर्जा पॉलिसी पर भी कार्य किया जा रहा है और जल्द ही इसे रिलीज किया जाएगा। उन्होंने ऊर्जा विभाग एवं विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को राज्य में रिन्युएबल एनर्जी प्लांट की स्थापना से संबंधित प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया।