गिद्धौर (अजित कुमार यादव) झाझा-दानापुर रेलखंड पर अवस्थित गिद्धौर रेलवे स्टेशन कई वर्षों से रेल विभाग के आलाधिकारीयों के उदासीनता का दंश झेल रहा है। वर्ष 1999 में जब स्व. दिग्विजय सिंह ने रेल विभाग के रेल राज्य मंत्री का पदभार संभाला था। तब उनके द्वारा रेलवे के विकास से जूड़े महत्वपूर्ण कार्यों के अलावा उन्होंने गिद्धौर रेलवे स्टेशन को भी सुंदर व सम्मून्नत बनाने का बीड़ा उठाया था। लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद गिद्धौर रेलवे स्टेशन रेल विभाग के आलाधिकारीयों के लापरवाह रवैये के कारण लगातार कई वर्षों से उपेक्षित है। लिहाजा स्व. दिग्विजय सिंह का गिद्धौर रेलवे स्टेशन को समुन्नत बनाने का सपना सपना ही बनकर रह गया। आज भी इस स्टेशन पर प्लेटफार्म अपग्रेडेशन, आरक्षण काउंटर, फुट ओवर ब्रिज मरम्मत की मुलभूत सुविधाओं के लिये बरसों से तरस रहे हैं। यहां यह बताते चलें कि गिद्धौर रेलवे स्टेशन लाखों का मुनाफा वर्षों से रेल विभाग को देती आ रही है। बावजूद इसके इस इलाके के रेल यात्रियों के लिये यहां सुविधा नदारद है। गिद्धौर स्टेशन पर बने फुट ओवर ब्रीज की सीढि स्थिति काफी जर्जर है। कई बार रेल यात्रियों द्वारा इसकी शिकायत गिद्धौर स्टेशन प्रबंधन को भी की गई। कई बार रेलवे के वरीय पदाधिकारी गिद्धौर स्टेशन पहुंचे परन्तु रेलवे अधिकारियों की नजर कभी फुट ओवर ब्रीज की जर्जर स्थिति की ओर नही गई। फुट ओवर ब्रिज की स्थिति का यह आलम है कि इसके स्लैब व चढ़ने वाली सीढ़ि जगह जगह से टूट गये है। जिससे ब्रिज आर पार करने वाले यात्रियों के मन में हमेशा डर की भावना बनी रहती है। वहीं कई बार रेल यात्रियों रात के समय अंधेरे में टूटे स्लैब के गड्डे में गिर कर घायल भी हो गये। अगर विभाग द्वारा समय रहते इसकी मरम्मति के लिए कोई कारवाई नहीं की गई तो कभी भी भयंकर घटना घट सकती है। इसके वाबजूद भी रेल पदाधिकारी मौन बने हुए है।
कहते है स्टेशन प्रबंधक
फुट ओवर ब्रीज जर्जर स्थिति के बारे में गिद्धौर स्टेशन प्रबंधक टी.डी. सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि फुट ओवर ब्रीज की जर्जर एवं स्लैब टूटने की जानकारी आई.डब्लू झाझा को दी गई है।