रजौली (नवादा) मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में विशेष शिविर आयोजित किया गया।जिसमें 250 महिलाएं का जांच किया गया।गर्भवती महिलाओं की जरूरी चिकित्सकीय जांच के साथ जरूरी दवा व परामर्श नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से संबंधित पोषक क्षेत्र में अभियान से पूर्व ही गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था।ताकि शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की जांच संभव हो सके।अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा दिलीप कुमार ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व व जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी है।जांच गर्भवती महिला व उनके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी है।इससे गर्भावस्था के दौरान होने वाली जोखिमों का आसानी से पता लगा कर इसे प्रबंधित किया जा सकता है।विभिन्न संक्रामक व जेनेटिक रोग से बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से भी ये जरूरी है।इससे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी को चिह्नित कर सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना अभियान का मुख्य उद्देश्य है।गर्भावस्था के दौरान मुख्य रूप से खून,रक्तचाप,एचआईवी संबंधी जांच जरूरी है।गर्भस्थ बच्चे की सही स्थिति,एनीमिया,एचआईवी सहित अन्य रोगों से बचाव ही नहीं, प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने के लिहाज से ये महत्वपूर्ण है।इसलिये सभी गर्भवती माताओं को गर्भधारण के तुरंत बाद, प्रथम तिमाही के दौरन प्रथम जांच की सलाह दी जाती है।इसके बाद गर्भावस्था के चौथे या छठे महीने में दूसरी, छठे या आठवें महीने में तीसरी व नौवें महीने में चौथी जांच करानी चाहिये।जांच शिविर में डॉ सतीश चंद्र सिन्हा,डॉ श्यामनंदन प्रसाद के अलावे जीएनएम उपस्थित थे।