बिहारशरीफ (राजीव रंजन) : किसी ने सच कहा है कि पाप का घड़ा जिस दिन भरता है और वह इस कदर फूटता है कि समाज में उसकी कोई वजूद नहीं होती है! इसे बचाने के लिए कई सफेदपोश भी नजर में आए थे लेकिन हकीकत तो यह है कि मेम साहब के गोद में पलने वाला कुत्ता उस जन्म में कुछ जरूर बेहतर किया होगा लेकिन इस जन्म में पाप करने वाले ऐसे जनप्रतिनिधि का घड़ा जब भरता है तो सड़क पर एक आवारा कुत्तों को भी ढेला मारने पर उसे हकीकत सजा मिलती है जो संपूर्ण बिहार राज्य ही नहीं बल्कि देश में भी देखने के काबिल है. आपको बताते चले कि राजगीर प्रखंड क्षेत्र के गोरॉर पंचायत का मुखिया संतोष कुमार दिवाकर हमेशा से सुर्खियों में रहा. इतना ही नहीं हमारे कलम के द्वारा ही इसके कारनामों का उजागर किया गया था और नालंदा जिलाधिकारी ने जांच कराकर गौरॉर पंचायत के मुखिया संतोष कुमार दिवाकर पर कार्रवाई करते हुए उसकी जांच करवाई थी.जांच का तथ्य और प्रमाण सही पाया गया तत्पश्चात मुखिया के ऊपर एफ आई आर दर्ज कराया गया था. राशि गबन के आरोप में मुखिया को जेल भेज दिया गया और अंततः वर्तमान जिला अधिकारी योगेंद्र सिंह के बर्खास्तगी की अनुशंसा पर पंचायती राज विभाग ने मुखिया संतोष कुमार दिवाकर को बर्खास्त कर दिया है. आपको बताते चले कि मुखिया संतोष कुमार दिवाकर के ऊपर आरोप है कि मुखिया के द्वारा 14वें वित्त मद से अवैध रूप से अपने नाम 30 लाख 53 हजार ₹200 की राशि की निकासी कर गबन कर लिया. इस मामले पर नालंदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया है कि सरकारी राशि गबन करने वाले लोगों पर प्रशासन की कड़ी नजर है. वहीं पंचायती राज पदाधिकारी शोएब आलम ने बताया कि बर्खास्त मुखिया से गबन की गई राशि भी वसूल की जाएगी और 6 माह के अंदर पंचायत में मुखिया का चुनाव भी करा लिया जाएगा. आपको बताते चलें कि फिलहाल मुखिया जेल में बंद है