मुंगेर : इनदिनों सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक आम आदमी अपने हाथों AK-47 लिए पहाड़ी क्षेत्रों में एसटीएफ के डीएसपी पंकज कुमार के साथ कॉम्बिंग ऑपरेशन करता दिख रहा है. ऐसे में मुंगेर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा हो रहा है. सवाल यह कि की एक आम आदमी कैसे पुलिस जवानों के साथ कॉम्बिंग कर सकता है. वह भी दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार के साथ. आपको बताते चलें कि इस तरह के वायरल वीडियो में कई प्रश्नवाचक सवाल उठते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है. कांबिंग ऑपरेशन के दौरान एसटीएफ डीएसपी पंकज कुमार के साथ एक आम आदमी के रूप में कोई और नहीं बल्कि नक्सलियों के विरुद्ध सूचना संकलन कर पुलिस को सहयोग करने वाला मुंगेर जिला का सामाजिक नागरिक चंद्रचूर सिंह है जिसे नक्सल प्रभावित जिला मुंगेर के जंगलों से भारी मात्रा में हथियार बरामदगी एवं 9 नक्सलियों की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के एवज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों सम्मानित किया गया और इस शख्स को बिहार पुलिस वार्षिक पारितोषिक समारोह 2014-15 के मौके पर इन्हें ₹3500 की राशि से पुरस्कृत भी किया जा चुका है. आपको बताते चलें कि इस शख्स का सहारा मुंगेर प्रक्षेत्र में पुलिस नक्सल विरोधी गतिविधियों पर नजर बनाए रखने एवं नक्सलियों के विरुद्ध सूचना संग्रह के लिए लेती है और यह वही मौका था जब एसटीएफ के डीएसपी पंकज कुमार के द्वार नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुंगेर में नक्सलियों के विरुद्ध कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा था और यह शख्स जंगल में रास्ता दिखाने के लिए पहुंचा था. उधर वायरल वीडियो में खतरनाक हथियार एके-47 रखने वाला इस शख्स के मामले में डीएसपी पंकज कुमार ने बताया कि कांबिंग आपरेशन के दौरान पहाड़ पर चढ़ने के दौरान पैर फिसल जाने से गिर गया और इसी दौरान नक्सल विरोधी गतिविधि पर नजर रखने वाले शख्स चंद्रचूर सिंह के द्वारा उन्हें उठाया जाता है और उठाने के दौरान ही उसने हमारे हथियार को भी उठाया था और आज इसे वीडियो के रूप में सोशल मीडिया पर परोसा जा रहा है. मामला जो भी हो पंकज कुमार निश्चित तौर पर इस शख्स के मार्गदर्शन में ही एसटीएफ का जंगल में कांबिंग ऑपरेशन चला रहे थे.