नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) : जिले के विभिन्न प्रखंडों में अक्षय नवमी को लेकर महिलाओं ने पूजा -अर्चना किया । कहा जाता है कि छठ महापर्व संपन्न होने के बाद घरों में अब अक्षय नवमी के पूजा में लगी महिला ने आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर खाने और खिलाने की परंपरा निभाया है। आंवला धातु पेड़ के नीचे दाल , चावल बनाकर खाते हैं और लोगों को खिलाते हैं। अक्षय नवमी जिले भर में बहुत धूमधाम से नवादा के शोभनाथ मंदिर में महिलाओं ने बनाया । पुरे क्षेत्र में अधिक जगहों पर पिकनिक का माहौल दिखा । पुरे दिन आंवला आंवले के वृक्ष के पूजन साथ ही पुत्र रत्न की प्राप्ति आदि के लिए पूजन किया गया । अक्षय नवमी पर स्नान और गुप्त दान का खास महत्व है । दान औऱ कल्याण का यह पर्व अक्षय नवमी यानी जिसका नाम कभी नहीं होता इसलिए लोग गुप्त दान भी करते हैं। पूर्वजों का कहना है कि कलयुग की शुरुआत इसी दिन हुआ था। कहा गया है कि भुवा में सोना , रुपैया रखकर दान करने की परंपरा है और अपने पापों को नाश करने की कामना करना होता है । फिर अंत में पेड़ में धागा बांधकर मनोकामना जाहिर किया है।