नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) : भगवान विष्णु चार महीने के बाद जब देवोत्थान एकादशी पर जागेंगे तो शादी के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। कुंडली मिलान के बाद भाव व भावेश की स्थिति, ग्रहों की दशा के साथ शादी के शुभ मुहूर्त तय होंगे। देव उठनी एकादशी के पहले विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति राशि बदलकर 12 साल बाद अपनी ही राशि धनु में आ रहा है। बृहस्पति का धनु राशि में गोचर शुभ माना गया है। देवउठनी एकादशी के 9 दिन बाद ही सूर्य भी राशि बदलेगा। विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस बार विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। देवउठनी एकादशी पर नहीं है मुहूर्त:- देवउठनी एकादशी 8 नवंबर काे मनाई जाएगी। आमतौर पर देवउठनी एकादशी के ही दिन से शादी विवाह शुरू हो जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार कार्तिक मास की ये एकादशी अबूझ मुहूर्त होती है। जिसे मांगलिक कार्यों के लिए सबसे शुभ माना जाता है, लेकिन लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा। इसके लिए लोगों को 10 दिन इंतजार करना होगा। देव उठनी एकादशी के बाद पहला विवाह मुहूर्त 19 नवंबर है। नवंबर में लगातार मुहूर्त है। देवों के उठते ही शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। कारण वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। नवंबर और दिसंबर में 14 दिन विवाह मुहूर्त:- देव प्रबोधिनी एकादशी 8 नवंबर को है। इसके बाद 17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 18 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे। जो 15 दिसंबर तक रहेंगे। इन दिनों में केवल 14 दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास होने के कारण इन दिनों में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 2020 मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी से विवाह का दौर शुरू होगा। 11 जुलाई के बाद से विवाह के लिए मुहूर्त नहीं थे। जुलाई में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी से नवंबर की देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। इसलिए इन चार महीनों में विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता है। नवंबर और दिसंबर में विवाह के मुहूर्त:- नवंबर में : 19, 21, 22, 28, 29 और 30 नवंबर दिसंबर में : 1, 5, 6, 7, 10, 11 और 12 दिसंबर