जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नालंदा में बाल संसद के मंत्रियो की बैठक , नालंदा के स्कूलों के 60 बाल मंत्रियो की पहली शिखर वार्ता

नालंदा
जनादेश न्यूज़ नालंदा
बिहारशरीफ : बाल संसद द्वारा स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षकों और यूनिसेफ के आगे रखे कई सुझाव
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नालंदा द्वारा आज एक अभिनव पहल का आयोजन किया गयाI इस पहल के अंतर्गत बाल संसद के लगभग 60 मंत्री इकट्ठा हुए और अपने अपने विभागों की बैठक कीI इस बैठक में 10 बाल प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री, 9 बाल शिक्षा मंत्री, 8 बाल स्वास्थ्य और स्वच्छता मंत्र, 8 बाल कृषि और जल मंत्री, 8 बाल विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री, 8 बाल खेल एवं सांस्कृतिक मंत्री और 9 बाल आपदा और सुरक्षा मंत्री ने हिस्सा लियाI इस दौरान उन्होंने उनके स्कूलों में बाल संसद द्वारा किये जा रहे अच्छे कार्यो करे बारे में चर्चा किया I
बैठक की शुरुआत बच्चों द्वारा चेतना सत्र के साथ की गई I इस अवसर पर बैठक के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए यूनिसेफ बिहार की शिक्षा विशेषज्ञ प्रमिला मनोहरण ने कहा की इस साल पुरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते की 30 वी वर्षगाठ मनाई जा रही है जिसके अंतर्गत बच्चों को कई अधिकार दिए गए है और उनमे भागीदारी का अधिकार एक महत्वपूर्ण अधिकार हैI इसी अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बाल संसद और मीना मंच का गठन किया गया है I उन्होंने आगे बताया की संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते की 30 वी वर्षगाठ को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है I इस अवसर पर सभी बच्चें दुसरे बच्चों के अधिकारों को प्राप्त करने के लिए तथा उसे उनतक पहुचाने के लिए अपनी सहभागिता दिखाने का कार्य कर रहे रहे है ताकि उन अधिकारों को सच में हासिल किया जा सके I
यूनिसेफ बिहार के संचार विशेषज्ञ, निपुण गुप्ता ने बच्चों के अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा की बच्चों को स्वास्थ्य , शिक्षा, सुरक्षा और सर्वांगिण विकास का अधिकार है साथ ही बच्चों को अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का भी अधिकार है I उन्होंने आगे बताया की आज की बैठक का मकसद है यह जानना है कि बाल संसद के बच्चें किस प्रकार से स्कूल की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे है और उसमे अपना योगदान दे रहे है साथ ही उनकी क्या चुनौतिया है और इस सम्बन्ध में उनके क्या सुझाव है I उन्होंने आगे बताया कि बाल संसद के बच्चों की इच्छा है के वे सम्बंधित विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक मुलाकात करे जहा वे अपनी बात रख सके और इसमें यूनिसेफ और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नालंदा सहयोग कर रहा है। इस मुलाकात के दौरान बच्चे चाहते है कि वे विधानसभा में भी भ्रमण करेंगे ताकि वे सदन की कार्यवाही को समझें और उनकी लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ बढ़ सके I
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नालंदा कि प्राचार्य डॉ. रशिम प्रभा ने कहा की यह पहली बार हो रहा है की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में इतनी बड़ी संख्या में बाल संसद के मंत्रियो की बैठक हो रही हैI
बैठक के दौरान बच्चों ने समूह चर्चा में हिस्सा लिया और बाल संसद के द्वारा किये गए सबसे बेहतर कार्य, बाल संसद की चुनौतियों, उनके सुझाव और सम्बंधित मंत्रियो से प्रस्तावित प्रशन के बारे में चर्चा किया और उसकी प्रस्तुति दी I बच्चों के साथ साथ बाल संसद के संयोजक शिक्षकों ने भी इन्ही मुद्दों पर चर्चा कियाI
बच्चों के कहा की अगर वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे की वो राज्य को किस प्रकार चला रहे है ताकि उनसे सीखकर वे भी अपने स्कूल को सुचारू तरीके से चला सकेI बच्चों ने आगे बताया की वे पूछेंगे की बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए आपकी क्या सोच हैI वे मंत्रियो से यह भी कहेंगे कि सभी अभिभावक को प्रेरित करने के लिए विशेष पहल चलाये ताकि वे लड़के के साथ साथ अपनी लड़कियों को भी स्कूल भेजेI
स्वास्थ्य एवं स्वछता मंत्रियो ने प्रस्तुति के दौरान सानिया कुमारी ने कहा की बाल संसद एक पहाड़ की तरफ बच्चों की रक्षा करता है और किसी भी स्थिति का सामना करने लिए हमेशा तैयार रहता हैI बाल संसद के सामने मध्याहन भोजन वितरण के समय इसे अनुशासन पूर्वक बटवाना एक चुनौती बनी रहती है उसने कहा I आकृति कुमारी ने कहा की स्कूलों में पोषण वाटिका होनी चाहिए जहा फल और सब्जी उगाई जाए और मध्याहन भोजन में इसका प्रयोग किया जाए ताकि बच्चों को सही पोषण मिले और कुपोषण से लड़ा जा सके I पढ़ाई के लिए स्वस्थ्य होना जरुरी है उसने कहा I
शिक्षा मंत्रियो ने अपने प्रस्तुति के दौरान कहा की बाल संसद उन बच्चों को स्कूल में लाने का प्रयास करता है जो स्कूल नहीं आते है या बीच में स्कूल छोड़ देते है I बच्चों ने आगे बताया की स्कूल का वातावरण आनंदमई होना चाहिए ताकि बच्चें स्कूल में जयादा समय बिताये I काजल कुमारी ने कहा की हमारे स्कूल में पठन-पाठन सामग्री (Teaching Learning Equipment) का अभाव है जिसके कारण हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और हमारी शिक्षा प्रभावित होती है I
पुस्तकालय और विज्ञान मंत्रियो ने बताया की अब बच्चें पुस्तकालय आने लगे है और उनके पढ़ने की आदत विकसित होने लगी है I बच्चों ने अपनी मांग रखते हुए कहा सभी स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला होना चाहिए साथ ही स्कूलों में खेलने का मैदान नहीं है या बहुत छोटा है इसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए क्यूंकि सम्पूर्ण विकास के लिए खेलना जरुरी है I
आपदा और सुरक्षा मंत्रियो ने कहा की स्कूलों में प्राथमिक उपचार बॉक्स हो ताकि किसी दुर्घटना के समय बच्चों का प्राथमिक उपचार किया जा सके I