घसियाडीह में बिजली आपूर्ति ग्रामीण फिडर से और बिजली बिल शहरी दर पर उपभोक्ता कर रहे भुगतान

नवादा

जनादेश न्यूज़ नेटवर्क

मनोज कुमार

रजौली (नवादा) नगर पंचायत के वार्ड नंबर 2 घसियाडीह दलित महादलित की बस्ती है।अगर इस बस्ती में 100 घर है तो अधिकांश घरों में फ्रिज,कूलर,एसी नहीं देखने को मिलेगा।क्योंकि इस बस्ती में मजदूर रहते हैं।दिन भर मजदूरी करके आते हैं और थके हुए बेखबर सो जाते हैं।लेकिन इन लोगों से नगर पंचायत में होने के चलते बिजली बिल शहरी क्षेत्र के दर पर वसूला जाता है।बिजली बिल भुगतान करने में भी इन लोगों को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन बिजली आपूर्ति बिजली विभाग के द्वारा इस नगर पंचायत के वार्ड नंबर 2 के घसियाडीह को ग्रामीण फिडर से बिजली उपलब्ध कराई जाती है। जबकि फीडर नंबर एक से नगर पंचायत के अलावे इस फिडर से कई ग्राम पंचायत के गांव को बिजली आपूर्ति कराई जाती है और उनसे ग्रामीण क्षेत्र के बिजली दर वसूला जाता है।बिजली विभाग से जो डाटा प्राप्त हुआ है।उसमें बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं से पर यूनिट 425 रुपया 100 यूनिट तक लेना है।अगर 100 यूनिट से अधिक उठना है तो पर यूनिट 30 पैसा उसमें बढ़ोतरी की जाती है।इसी तरह शहरी क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं से पर यूनिट 620 पैसा वसूला जाता है।100 यूनिट से अधिक होने पर पर यूनिट 30 अधिक लिया जाता है।ऐसे में सवाल तो यह उठता है कि नगर पंचायत के नाम पर इस दलित महा दलित के बस्ती से मजदूर वर्ग के लोगों से ग्रामीण क्षेत्र के फिडर से जोड़कर बिजली आपूर्ति करते हुए शहरी क्षेत्र के बिजली दर वसूलना कहां तक सही है यह तो सवाल उठाती है ग्रामीण क्षेत्र का एक पूर्वजों का कहावत है कि एक आंख में सुरमा और एक आंख में काजल यह कहावत बिजली विभाग के अधिकारियों पर सटीक बैठती है। घासीयाडीह के बिजली उपभोक्ताओं का मांग है कि जब हमलोग शहरी क्षेत्र के अनुसार बिजली बिल भुगतान कर रहे हैं।हमलोगों को भी टाउन फिडर से जोड़कर बिजली आपूर्ति किया जाए। नहीं तो हमलोगों से जब तक ग्रामीण क्षेत्र के फिडर से बिजली आपूर्ति होती है।तब तक हमलोगों से ग्रामीण क्षेत्र के रूप में बिजली बिल वसूला जाए।वार्ड नंबर 2 और बिजली विभाग के कार्यालय का में बात करूं तो अगर बिजली विभाग के अधिकारी अपने ऑफिस के छत पर चढ़कर एक बार बाईपास के तरफ देखेंगे तो उन्हें वार्ड नंबर 2 के महादलित बस्ती दिख जाएगा।उसके बाद भी इतने दिनों से शहरी क्षेत्र के बिजली आपूर्ति से उसे जोड़ा नहीं गया है।अधिकारियों की इच्छा शक्ति कहें या दलित बस्ती होने के कारण अनदेखी करने की बात कहे तो कोई बुराई नहीं है।बिजली विभाग के जेइ भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटा और शहरी क्षेत्र में 24 घंटा अभी बिजली आपूर्ति की जा रही है।

क्या कहते हैं,अधिकारी

बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यासिर हयात ने बताया कि पहले से ग्रामीण फिडर में वह जुड़ा हुआ है। बिजली बिल फिडर के अनुरूप नहीं तय होता है।यह शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अनुरूप तय किया जाता है। वह बस्ती नगर पंचायत में है।इसीलिए शहरी क्षेत्र का बिजली बिल वहां वसूला जाता है।उस बस्ती में अभी फिलहाल ही दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाया गया है और जहां जरूरत था वहां पर पॉल और तार भी बदला गया है।शहरी क्षेत्र के बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई होने के मामले में उन्होंने कहा कि यह पहले से हो रखा है।