अनुमंडल कार्यालय के सामने प्रशासन द्वारा अशोक के हरा वृक्ष के जड़ को कटते हुए।

झारखंड
जनादेश न्यूज़, झारखंड।

देवघर, ( ब्यूरो – नवीन कृष्ण ) — एक कहावत है, अपनी गलती खुद नहीं दिखाई देती। यही कहावत आजकल देवघर अनुमंडल कार्यालय के ठीक सामने चरितार्थ हो रही है। देवघर अनुमंडल कार्यालय के ठीक सामने अनुमंडल कार्यालय की शोभा बढ़ाता हुआ अशोक के अनेक हरे – भरे वृक्ष लगे हुए। लेकिन प्रशासन को कौनसी ऐसी आवश्यकता आ पड़ी की उन वृक्षों में से एक हरे-भरे अशोक के वृक्ष के जड़ को प्रशासन द्वारा कटवाया जा रहा है। लेकिन आपको बताते चलें कि जनादेश न्यूज़ के संवाददाता के द्वारा पूछे जाने पर यह बताया गया की यहां गड्ढा करके बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग ( सोखा ) का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन यह क्या ? हरे-भरे अशोक वृक्ष के जड़ को काटकर ही सोखा का निर्माण किया जाना क्या उचित है ? इसके लिए सरकार और प्रशासन तरह तरह का स्लोगन और नियम बनाती है “स्वक्ष देवघर ग्रीन देवघर ” “वृक्ष है जीवन का आधार इनको मत काटो यार” “वृक्ष आते हमारे काम इनको ना करो तमाम”। ऐसे लाखों रूपये स्लोगन प्रचार प्रसार में सरकार और प्रशासन खर्च करती है, लेकिन अपनी बारी में आंख पर पट्टी बंध जाती है। इसे ही कहते हैं अंधा कानून। इससे यही समझ में आता है कि अगर प्रशासन कोई अपराध करता हो तो अपराध की श्रेणी में नहीं आता लेकिन अगर आम आदमी अपराध करता है तो अपराधी कहा वह माना जाता है। यह कहानी चरितार्थ हो रही है देवघर के कोर्ट के अंदर अनुमंडल कार्यालय के सामने जब वृक्ष ही कट जाएगा तो बारिश कहां से होगी। वन विभाग या प्रशासन ही अपने हेड स्लोगन में बड़े बड़े अक्षरों से विज्ञापन सरकार तक दिलाती है । ” वृक्ष बचाएं जीवन पाए” ” वृक्षों की जब करेंगे रक्षा तभी बनेगा जीवन अच्छा” “पेड़ पौधे मत करो नष्ट सांस लेने में होगा कष्ट” “बंजर धरती करे पुकार वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार” “एक वृक्ष एक जिंदगी” आखिर यह स्लोगन किसके लिए जबकि वाटर हार्वेस्टिंग के लिए काफी जगह पड़ी है। क्या हरा वृक्ष के जड़ को काटकर ही वाटर हार्वेस्टिंग किया जा सकता है। जो विभाग वृक्ष को कटवा रहा है वे पर्यावरण के शत्रु ही होंगे इस पर वन विभाग की नजर नहीं है दोनों विभागों के मिली भगत से यह कार्य किया जा रहा है, जबकि नियम है यह कहता है कि एक वृक्ष काटने पर दो वृक्ष लगाना पड़ेगा । बारिश तो तभी होगी ना जब वृक्ष बचेंगे तभी तो वाटर हार्वेस्टिंग भी सफल होगा। लेकिन इन सब नियमों को ताक पर रखते हुए प्रशासन यह सब कार्य कर रहा है क्या यह नियम का उल्लंघन नहीं है ? इस पर प्रशासन को ध्यान देते हुए अविलंब इस कार्य को रोक कर अन्यत्र खाली पड़े जगह पर निर्माण कार्य कराना चाहिये।