शेखपुरा /बरबीघा /अरियरी / चेवाड़ा : कार्तिक माह के दूसरे पक्ष के नवमी तिथि को मंगलवार को अक्षय नवमी के अवसर पर दान और मान का दौड़ दिन भर चलता रहा। बड़ी संख्या में लोगो ने अवाला वृक्ष के नीचे ब्राह्मणों को दान और सम्मान से तृप्त किया। इस अवसर पर लोगो ने अवाला वृक्ष का पूजन किया। देर शाम तक लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर अवला वृक्ष के नीचे पूरे परिवार के साथ भोजन किया। पौराणिक मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आवला केवृक्ष से अमृत की बर्षा होती है। इस दिन के किये गए सभी शुभ कार्य अक्षय यानि कभी नाश नहीं होने वाला होता है। अक्षय नवमी के अवसर पर सवेरे से ही शहर से लेकर गावो तक लोग इसे मानाने में जुट गए थे। विभिन्न मंदिर के प्रांगन में स्थित अवला वृक्ष के नीचे लोगो का जमावड़ा शुरू हो गया था। इसमें महिला कुछ ज्यदा ही उत्साहित होकर भाग ले रही थी। महिलाओ ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ भुआ फल यानि कुष्मांड का दान किया। दान की इस क्रिया को गुप्त रखने का भी प्रयास किया जा रहा था। अक्षय नमवी को लेकर स्नान और पूजा पाठ का दौड़ भी चलता रहा। श्रधालुओ ने अवला वृक्ष के नीचे बैठकर कथा प्रवचन भी सुना। अक्षय नवमी का आयोजन यहाँ देर शाम तक जारी रहा।शहर के बुधौली मोहल्ले के राय साहब के फुलवाड़ी में छठ पूजा के तुरंत बाद कुष्मांड दान भुआ दान मनाया गया । इस पर्व में महिलाये आंवले के बृक्ष को पूजा कर ब्राह्मण से कथा सुनी । वहीं आचार्य अवधेश मिश्रा, शशिकांत मिश्रा, शैलेंद्र मिश्रा, पप्पू मिश्रा, संजीव मिश्रा आदि कई ब्राह्मणों ने पूजा पाठ कर लोगो को कथा का श्रवण करवाया।